नर्गोना पैलेस : भारतक' पहिल भूकंपरोधी भवन मिथिला मऽ
1934क भूकंप मऽ सम्पूर्ण मिथिला सहित भारतक औ नेपालक आन क्षेत्र सबम बड़ जान-माल सबक हानि भेल छल | दरभंगा ज़िला जे की उत्तर बिहारक सबसौ पुरान शहर औ दरभंगा महाराज केर राजधानी छल, सेहो अहि प्रचंड भूकंप मऽ लगभग नास भऽ गेल।
राज-दरभंगा केर भव्य भवन , मंदिर , औ गाँव सबके बड़ क्षति भेल जहिम "मोती-महल" पूरा ध्वस्त भऽ गेल, "आनन्द-बाग़ पैलेस" औ "राम-बाग़ पैलेस" कऽ बर क्षति भेल औ अहि दुनु भवन के फेर सौं भूकंपक' बाद बनाऔल गेल।
1934 क़े भूकंप कऽ बाद औ ओक्कर प्रचंड परिणाम देखैत दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह विचार केलैत जे आब जेतेक भवन बनाऔल जैत से सब भूकंपरोधी तकनीकी अधार पऽ बनत।

"नर्गोना पैलेस" जेकी राज-दरभंगा के काल मऽ अंतिम भवन बनाऔल गेल छल से ओहि काल मे उपलब्ध भूकंपरोधी-तकनीक के अधार पऽ बनल छल| ई भवन संभवतः भारतक पहिल भूकंपरोधी भवन अछि।
नर्गोना पैलेस मऽ बहुत सुन्नर बाग़-बगीचा सब बनल अछि औ चारू दिसं सौ विभिन्न तरह कऽ फल-फूल के गाछ-वृक्ष सब लागल अछि| ई भवन जेकि राज-दरभंगा के मुख्य:कार्यालय होये छल से 1972 मऽ बिहार सरकार कऽ विश्वविद्यालयक स्थापना कऽ लेल दान मऽ दऽ देल गेल| आई "ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय" अहि नर्गोना भवन से संचालित होयेत् अछि।
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